The 5-Second Trick For lyrics of shiv chalisa
The 5-Second Trick For lyrics of shiv chalisa
Blog Article
शिवजी की पूजा मूर्ति तथा शिवलिंग दोनों रूपों में की जाती है शिव के गले में नाग देवता विराजमान करते हैं तथा उनके हाथों में डमरू और त्रिशूल होता है.
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। बिकट रूप धरि लंक जरावा।।
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥
चित्रकूट के घाट-घाट पर, शबरी देखे बाट - भजन
जुग सहस्र जोजन पर भानु। लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई । सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥
राम रसायन तुम्हरे पासा। सदा रहो रघुपति के दासा।।
अर्थ: हे गिरिजा पति हे, दीन हीन पर दया बरसाने वाले भगवान शिव आपकी जय हो, आप सदा संतो के प्रतिपालक रहे हैं। आपके मस्तक पर छोटा सा चंद्रमा शोभायमान है, आपने कानों में नागफनी के कुंडल डाल रखें हैं।
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
शिवाष्टकम एक शक्तिशाली मंत्र है। ऐसा कहा जाता है कि शिवाष्टक का पाठ करने से आपको जीवन में आने वाली बाधाओं का सामना करने के लिए साहस प्रदान website करता है। यह स्तोत्र विश्व के सभी लोगों के बीच भी काफी लोकप्रिय है जो “प्रभुं प्राणनाथंम् विभुं विश्वनाथंम्” से शुरू होता है।
आपके पास पूजा के लिए दूध दही घी शक्कर शहद यानि पंचामृत तथा चंदन पुष्प बेलपत्र त्रिशूल डमरू आदि होने चाहिए अगर आपका व्रत है तो शाम को पूजा करने के बाद ही व्रत खोलें अंत में प्रसाद वितरण करें
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे । शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ॥